आजकल फेसबुक पर एक पोस्ट लगातार देख रहा हूँ कि किसी विदेशी ने एक नई दवा का निर्माण किया है और उस दवा को बनाने में लगभग 300 करोड़ का खर्च आया है और वह दवा किस कम आयेगी यह जानकर बहुत मुझे बहुत ज्यादा दुःख हुआ |
उस दवा का नाम है व्याग्रा जो महिलाओं के अन्दर सेक्स पावर अर्थात वासना शक्ति को बढ़ाने का काम करेगी वहीँ एक बात और... दवा बनाने वाले वैज्ञानिकों ने यह भी दावा किया है कि इस दवा का असर प्रयोग करने पर महिला के मस्तिक में होगा जिससे महिला के शरीर के अन्दर एक तरह का एन्जाइम पैदा होगा और वह एन्जाइम उसकी वाशना शक्ति को बढ़ाने का काम करेगा | अबतक वासना शक्ति को बढ़ाने के लिए बन चुकी दवाओं में सबसे अधिक कारगर और उपयोगी है क्योकि यह पूर्व में बन चुकी दवाओं की तरह काम नही करेगी | अभी मै आपको यह बताना बेहद जरुरी समझता हूँ कि पूर्व में बनाई जा चुकी सभी दवायें उपयोग के बाद आपके शरीर के खून को पतला कर देती थीं जिससे शरीर में खून प्रवाहित होने की प्रक्रिया तेज गति से होने लगती थी और व्यक्ति महिला या पुरुष अपनी रति क्रिया में सफल महसूस करने लगता था |
यह अन्तर हुआ पहले और अब बन चुकी उन दवाओं का जिससे व्यक्ति स्वयं को सफल महसूस करता था |
साथियों यदि आपने उपरोक्त बिषय को पढ़ा और समझा और महसूस कर लिया है तो मै अब बात करूँगा आपके उन अनुभवों की जो वास्तव में इस प्रकार की दवाओ के उपयोग कर्ता है | आगे की लाइने पढने से पहले यह आवश्यक है कि आप अपना हाथ अपने हृदय पर रख लें और यह जान लें कि आपका आपसे बड़ा साथी और कोई नही होता आप सभी से झूठ बोल सकते हैं लेकिन अपने आप से कभी नही | यदि मै यह गलत कह रहा हूँ तो आगे आप इस लेख को न पढें | कयोकि सत्य को छुपाकर जीने वाला कोई भी व्यक्ति कभी भी सफल इंसान नही बन सकता | अब आप ही बताईये कि क्या मैथुन क्रिया के बाद आप अपने आपको सबसे कमजोर ,घटिया और गिरा हुआ नही महसूस करते ? क्या आपको अपने अन्दर से यह आवाज नही आती कि अपने कुछ खो दिया ? क्या आप वास्तव मे किसी दवा के सेवन के बाद सम्भोग के समापन पर अपने आप को गौरवान्वित महसूस करते है ? नही मै जानता हूँ कि ऐसा कभी हो ही नही सकता है ? यह वास्तविक सच्चाई है | आप एक बात जान लीजिये कि साधरण तौर पर बिना किसी दवा के उपयोग के यदि आप आलिंगन करते हैं तो वह दोनों पक्षों के लिए बेहतर है परन्तु इसकी अधिकता दोनों के लिए ही नुकसान देह ,कमजोर करने वाली और मनोवृत्ति को खराब कर देने वाली प्रक्रिया हो सकती है और हाँ यह बात भी कही जा सकती है कि इस प्रक्रिया में आपकी कमजोरी का कारण शारीरिक , मानसिक और व्यवहारिक भी हो सकता है जो आप दोनों को अतृप्त रख सकता है | इस सबसे निपटने के लिए उपरोक्त तीनों विषयों पर ही कार्यवाही करनी चाहिए न कि दवाओं का उपयोग |
आगे हम यह बात करेंगे कि यह दवाईयां आपको किस प्रकार नुकसान पहुचाती हैं और इसका मुख्य कारण क्या है |
मष्तिक पर काम करने वाली इस व्याग्रा से पूर्व में बनी उन दवाओं के विषय में जो सेवन के बाद आपके शरीर के खून को पतला कर देती थीं | यह दवाएं शायद अभी बनी मष्तिक पर काम करने वाली दवा से बेहतर थी | यह उनके लिए जो बिना कुछ सोचे समझे इनका उपयोग करना ही चाहते हैं | साथियों आपके शरीर के खून को पतला कर देने वाली यह दवायें मष्तिक पर काम करने वाली इस दवा से बेहतर कैसे थी ? देखिये मेरा यह विशलेषण - शायद आपको समझ आये ! पहली बात तो यह है कि दवा कोई सी भी हो अगर वनस्पतिक आयुर्वेद को छोड़ दिया जाये तो वे शरीर को एक समय के बाद नुकसान ही करेंगी क्योकि कोई भी दवा किसी की बीमारी को ठीक नही करती वह सिर्फ उस बीमारी को ठीक होने में सहयोग करती है जब वह दवा आप लगातार लेने लगते हैं तो आपका शरीर उस दवा का आदी हो जाता है और आपके शरीर की छमता उस दवा के अनुसार ही हो जाती है और वह दवा आपके भोजन की तरह आपकी खुराक में शामिल हो जाती है |
जिससे आपका शरीर पुनः उसी समस्या (बीमारी ) से ग्रस्त होता महसूस होने लगता है , फिर आप या आपका डाक्टर क्या करता है कुछ और दवायें उसी में जोड़ देता है और उन दवाओं की मात्रा बढ़ा देता है इस प्रकार पुनः आपको आराम...| यही प्रक्रिया तब तक चलती है जबतक आप काल का ग्रास नही हो जाते | इस चक्र में आपका सिर्फ नुकसान ही होता है और आपका डाक्टर नित नए नए प्रयोग करके अपनी पीठ थपथपाता रहता है यह बात तो हुई उन दवाओं के सकरात्मक एक्शन की यदि यही दवायें आप पर नकारात्मक एक्शन छोड़ती हैं तो आप तुरन्त के तुरन्त मर भी सकते हैं और हाँ अगर आप तुरन्त न गये तो धीरे धीरे आपके गन्तव्य का रास्ता जरुर निश्चित हो जाता है |
अब हम पुनः अपने उस विषय पर आयेंगें कि आपके शरीर को खून पतला कर देने वाली दवायें किस प्रकार नुकसान पहुचाती हैं ? देखिये शरीर का खून पतला होना... जैसे - समन्दर के अन्दर से उठने वाली वह लहर जिसके चपेट में आने पर कुछ ही नस्ट हो सकता है | ठीक उसी प्रकार इस शरीर के अन्दर जो भिन्न-भिन्न प्रकार के विभाग हैं वह कोई भी डैमेज हो सकता है , खून की नशें फट सकती हैं , आँखों की रोशनी जा सकती है | आपका दीमाग फेल हो सकता है शरीर के किसी भी अंग को लकवा मार सकता है और हाँ याद रखें यदि बच भी गये तो लम्बे समय में यह आपको कोई न कोई नुकसान जरुर पहुचायेगा | दूसरी बात - यदि मै नई वाली व्याग्रा की बात करें जो खून को पतला तो नही करता परन्तु सीधे आपके मस्तिक पर असर करती है जो सीधे आपके शरीर में बनने वाले उस एन्जाइम को पैदा करने का काम करती है जो आपकी यौनेच्छा को तीव्र कर देता है |
साथियों मै आप सभी से यह जानना चाहता हूँ कि क्या हमारा शरीर आधुनिक कल पुर्जो से बने किसी यन्त्र की तरह है यदि नहीं तो ? आपका जवाब निश्चित ही यही होगा नहीं .....| तो फिर ऐसे उलुल –जुलूल प्रयोग क्यों ?
क्या आप किसी कुत्ते की प्रजाति के सोये हुए इंसान हो जो अपना समय भी भूल गया हो की हमें सम्भोग कब करना है ? तुमसे बेहतर तो वह कुत्ते ही हैं जिनका अपना एक निश्चित समय होता है उनसे सीखना चाहिए |
इसी के साथ ही अब एक और नई बात बताना चाहता हूँ कि सेक्स एक ऐसी चीज है जो इन्सान को बेहतर से बेहतर और बुरे से बुरा बना सकती है हाँ ऐसी पावर इसमें है और यह भी जान लें कि सेक्स किसी को जीने के लिए आवश्यक नही होता है महज आपका विचार सकारात्मक होना चाहिए और हाँ यदि आप सेक्स को ऐसी समस्या मान रहे हैं कि जिससे बचा ही नही जा सकता तो उसके लिए आपको अपने मन , विचार और शरीर सभी को साधने की जरुरत होगी जो एक छण और उस एक गोली की तरह नहीं है | जो आपको लेकर डूब सकती है | इस साधना का उत्कर्ष आपको जन्नत बना सकता है , जीवन दे सकता है , उत्साह बढ़ा सकता है जी हाँ उत्कृष्टता आपके कदम चूम लेगी |
अरे ! आप क्यों पतन के गड्ढे में गिरने के लिए दोनों पैर लटकाकर खड़े हो , यह अभिशाप है अवनति का स्रोत है | भाई विजयी बनो तो-अपने आपके , अपने आपको मजबूत करो | आपका शरीर ,स्वास्थ्य ,व्यवहार , विचार सभी कुछ सही हो जायेगा | आप जिस भी दिशा में सोचेंगे उसमे सकारात्मक होंगे और आपको सफलता मिलेगी | आप अपने मन को ही क्यों इतना स्वस्थ नही करते कि आप जो सोंचे वही हो जाये हाँ एक बात निश्चित है आपको कर्म जरुर करना पडेगा |
भाईयो मैंने पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक खबर पढ़ी कि अमेरिका में एक व्यक्ति को फांसी की सजा सुनाई गयी थी और उस व्यक्ति को जब फांसी देने का समय आया तो उसको अचानक यह बोला गया कि सरकार ने आपको फांसी की सजा न देकर बल्कि साँप से कटवा कर सजा देने का निर्णय लिया है , सभी तैयारियां की गई एक विशेष स्थान पर लाया गया और उसका मुख काले कपड़े से ढककर पूछा गया कि कोई अंतिम इच्छा , उसकी इच्छा के अनुसार सभी कुछ किया गया उसके बाद उससे बोला गया कि अब आपको साँप से कटवाया जायेगा | वैज्ञानिको ने एक प्रयोग किया , उसे साँप से कटवाने के बजाय एक पिन चुभो दी गई जिसके कुछ समय बाद ही वह व्यक्ति मर गया वैज्ञानिकों ने उसके बाद उस व्यक्ति का पोस्टमार्दम करवाया , जिसमें डाक्टरो ने यह पाया कि उस व्यक्ति के शरीर में वही विष है जो किसी विषैले साँप के काटने के बाद व्यक्ति के शरीर में होना चाहिए था | मुझे पता नही कि आप इस बात से क्या समझे हैं परन्तु इस बात से यह सिद्ध जरुर होता है कि किसी भी इन्सान का शरीर एक पुरे ब्रम्हाण्ड की तरह होता है इसमें वह सब कुछ है जो इस पुरे ब्रह्माण्ड में कही भी है और यह सब व्यक्ति की विचार शक्ति ,व्यवहार और कार्य पर निर्भर करता है |
मै पुनः उसी विषय पर आता हूँ जो मैंने अधुरा छोड़ दिया था कि व्याग्रा जो सेक्स पावर बढ़ाने की नई दवाई है जो सिर्फ आपके मष्तिक पर असर करती है | भाईयों आप खुद समझदार है जो आपके मष्तिक पर वार करेगा वह आपके लिए कितना खतरनाक होगा , और उसके दुष्परिणाम क्या होंगे सीधे पागलपन | “समझदार व्यक्ति कभी सेक्स पावर बढ़ाने की बात कर ही नही सकते वह शरीर को स्वस्थ , स्वच्छ और पवित्र बनाने की बात करेंगे जो आपको सभी प्रकार की सकारात्मक उर्जा देगा जो आपकी काम शक्ति को भी बढायेगा |”
साथियों इन सबसे बचने और व्यवहार में लाकर भी स्वस्थ बने रहने के लिए आपको योग की शरण में जाना पडेगा जो आपके तन और मन तथा व्यवहार और विचार पर कार्य करेगी , चमत्कार होगा , नमस्कार होगा सबकुछ पूर्णता की प्राप्ति , ज्ञान का विकास और अज्ञानता का नाश परिणाम आप सबका घर परिवार , समाज और पूरा वातावरण सब स्वस्थ | यदि आप अपनी जिन्दगी से हार चुके हैं , बीमार हैं , डिप्रेशन है या और भी कोई शरीर की लाखों बीमारियाँ उन सबका ठीक होना संभव है परन्तु आपके समर्पण के बिना कुछ भी नही |
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