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विषम पदों से युक्त्त हैं

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एक विशेष तर्क पर अकस्मात अवतरित दोहे

विषम पदों से युक्त्त है , दोहा सृजन समान ।

मात्रायें भी गलत हैं , ज्यों झूठा विज्ञान ।।


तुमने कुछ कम पढ़ा , मै मानूं तो तीर ।

जोड़ देय विश्वास सब , ज्यों फाड़े से चीर ।। 


लिखता नही मिलाय कुछ , जिनकी धार बिमार । 

गरियाऊ भी बहुत खूब , बहुतय मारूं मार ।।


17 दिसंबर 2015

 
 
 

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